असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में अभ्यर्थियों का चयन कराने के नाम पर वसूली करने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह खुद को शिक्षा विभाग का अधिकारी बताकर वसूली करता था।उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग की आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में अभ्यर्थियों का चयन करने के नाम पर रुपये लेने वाले केकेसी के असिस्टेंट प्रोफेसर गोमती एंक्लेव अवध विहार योजना निवासी विपिन कुमार यादव को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। इस परीक्षा में फर्जी प्रश्न पत्र बनाकर वसूली करने वाले तीन जालसाजों को रविवार एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। आरोपी विपिन ने फर्जी नाम से आधार कार्ड बना रखा था।एसटीएफ के एडिशनल एसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपी विपिन मूल रूप से जौनपुर के रामपुर भोडी निभापुर थाना मुंगराबादशाहपुर का रहने वाला है। उसके पास से एक लाख से अधिक रुपये, 41 एडमिट कार्ड, एक फर्जी आधार कार्ड और दो मोबाइल फोन मिले हैं। उन्होंने बताया कि रविवार रात एसटीएफ को आरोपी विपिन के राजकीय पशु चिकित्सालय मल्हौर रोड चिनहट के पास होने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर रात करीब एक बजे उसको गिरफ्तार किया गया।खुद को शिक्षा आयोग में कार्यरत बताता था आरोपीपूछताछ में उसने बताया कि वर्ष 2022 में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुआ था। दो-तीन दिन पहले हुई असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा में लोगों को चयनित कराने के नाम पर रुपये ले रहा था। उसने अनिल यादव के नाम से एक फर्जी आधार कार्ड बना रखा है। आरोपी विपिन ने शिक्षा आयोग में सेवारत होने की बात कहकर अभ्यर्थियों को जाल में फंसाया था। एसटीएफ अब विपिन के अन्य साथियों के बारे में पता लगा रही है। फिलहाल उसके खिलाफ चिनहट थाने में केस दर्ज किया गया है। एसटीएफ के सूत्र बताते हैं कि आरोपी विपिन कई अभ्यर्थियों से लाखों रुपये ऐंठ चुका है।तीन जालसाजों को एसटीफ ने पहले ही पकड़ा थाउत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग की आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा का फर्जी प्रश्नपत्र बनाकर अभ्यर्थियों से ठगी करने वाले तीन जालसाजों अयोध्या हैदरगंज निवासी बैजनाथ, उसके सगे भाई विनय कुमार और अयोध्या पूराकलंदर निवासी महबूब अली को यूपी एसटीएफ ने रविवार सुबह वेब माल के पीछे से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपी बैजनाथ लाल बहादुर शास्त्री, डिग्री कॉलेज, सिविल लाइन गोंडा में राजनीतिक शास्त्र का सहायक प्रोफेसर है।