यूपी से स्वास्थ्य विभाग में घोटाला सामने आया है। जांच में पूर्व सीएमओ और छह अफसर व कर्मचारी दोषी पाए गए हैं। डीएम ने इनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है।शाहजहांपुर में स्वास्थ्य विभाग में उपकरणों व अन्य सामग्रियों की खरीद में हुए घपले की जांच में पूर्व सीएमओ डॉ. आरके गौतम समेत सात अधिकारी-कर्मी दोषी पाए गए हैं। इन पर कार्रवाई के लिए डीएम ने प्रमुख सचिव (चिकित्सा-स्वास्थ्य) को रिपोर्ट भेजी है। इसमें नियमित कर्मियों के निलंबन और इसी साल सेवानिवृत्त हुए डॉ. गौतम पर नियमानुसार कार्रवाई की संस्तुति की गई है।जांच रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. आरके गौतम अनावश्यक रूप से उपकरणों व अन्य सामग्रियों की खरीद कराते रहे। खरीद को नियमों के दायरे में लाने के लिए फर्जीवाड़ा भी किया। 30 दिसंबर 2024 को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में डीएम के निर्देशों का उल्लेख करते हुए उन्होंने सामग्री व उपकरणों की खरीद दिखाई। जांच में उस बैठक में ऐसी किसी भी खरीद के अनुमोदन का उल्लेख ही नहीं मिला।यह भी खुलासा हुआ है कि एसीएमओ डॉ. गोविंद स्वर्णकार से 62 वर्ष की आयु के बाद भी काम लिया जाता रहा। जिला पंचायत अध्यक्ष ममता यादव ने सात मार्च को डीएम को पत्र देकर खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इस पर गठित तीन सदस्यीय समिति की जांच में आरोपों की पुष्टि हुई। पूरे कार्यकाल की जांच, दायरे में आउटसोर्सिंग कर्मी भीप्रमुख सचिव को भेजी गई रिपोर्ट में डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने डॉ. गौतम के कार्यकाल में की गई सभी तरह की खरीद की जांच कराने की सिफारिश करते हुए जिला प्रशासन से भी सदस्य नामित करने का अनुरोध किया है। डॉ. गौतम शाहजहांपुर में करीब तीन साल तैनात रहे। इसके साथ ही आउटसोर्सिंग कर्मियों की भूमिका की भी जांच कराने की संस्तुति की है।इन पर होगी कार्रवाईडॉ. आरके गौतम 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए हैं। उन पर सेवानिवृत्ति नियमों के तहत कार्रवाई होगी। इनके अलावा सीएमओ दफ्तर के प्रधान सहायक संजय सिंह, लेखा प्रबंधक चंद्र प्रकाश पांडेय, प्रशासनिक अधिकारी रामकिशोर, एसीएमओ डॉ. गोविंद स्वर्णकार, डिप्टी सीएमओ डॉ. मनोज मिश्रा पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है।