थाने में तैनात पुलिस कर्मियों के अनुसार, 24 जनवरी को दरोगा धर्मेंद्र कुमार को पुलिस लाइन से थाना प्रभारी ककवन बनाया गया था। आरोप है कि तैनाती के बाद से ही थाना प्रभारी चौकी व थाने में तैनात पुलिस कर्मियों और दरोगा पर रुपये देने का दबाव बनाने लगे थे। विरोध पर अभद्रता करते करते थे।कानपुर ककवन थाना प्रभारी पर थाने के ही दरोगा, पुलिस कर्मियों ने उगाही के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है। पुलिस कमिश्नर से शिकायत में पुलिस कर्मियों ने कहा कि थानेदार कहते हैं कि लूटमार करो या उगाही… मुझे बस पैसा चाहिए। नहीं दोगे तो साहब से शिकायत कर कार्रवाई करा दूंगा।ककवन थाने में तैनात दरोगा उदयपाल पांडेय, अक्षय गौड़, वरुण कुमार, धीरेंद्र यादव, प्रवीन राव, हेड कांस्टबल (डाक मुंशी) अल्का, महिला कांस्टेबल पूजा चौधरी व सीसीटीएनएस में तैनात कर्मचारियों ने 18 मार्च को पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से शिकायत थी। सीपी ने मामले की जांच का जिम्मा एडीसीपी पश्चिम का दिया था।लूट करो, उगाही करो, कुछ करो…मुझे पैसा चाहिएअभी तक जांच चल रही है। सीपी को दिए शिकायती पत्र में कहा गया है कि थाना प्रभारी धर्मेंद्र गुप्ता से क्षेत्र की जनता इनसे त्रस्त है। बिना पैसे लिए कोई काम ही नहीं करते हैं। जनता को छोड़ दीजिए, हम लोग त्रस्त हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र में जाओ लूट करो, उगाही करो, कुछ करो। मुझे पैसा चाहिए।थानाप्रभारी को हटाने या स्थानांतरित करने की गुहारपुलिस कर्मियों का आरोप है कि साहब को जब पैसा नहीं मिलता है, तो गाली-गलौज करते हैं। उन्होंने पत्र में थानाप्रभारी को हटाने या किसी अन्य थाने में स्थानांतरित करने की गुहार लगाई है। एक साथ कई पुलिस कर्मियों की शिकायत के बाद पुलिस कमिश्नर मामले की जांच एडीसीपी पश्चिम विजेंद्र द्विवेदी को सौंप दी है। प्राथमिक जांच एसीपी बिल्हौर अमरनाथ यादव कर रहे हैं।16 दिन बाद भी जांच अधूरी18 मार्च को पुलिस कमिश्नर से शिकायत की गई थी। सीपी ने एडीसीपी पश्चिम को निर्देश दिए थे कि पत्र प्राप्ति के दो दिन के भीतर जांच रिपोर्ट व गवाह सहित कार्यालय में उपस्थित होकर जानकारी दे। 16 दिन बीत जाने के बाद भी एडीसीपी ने अपनी जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी है। एडीसीपी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। सभी को बयान और साक्ष्य के लिए बुलाया गया है। जल्द ही जांच रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को सौंप दी जाएगी।53 दिन के कार्यकाल में थाना प्रभारी पर लगे कई आरोपथाने में तैनात पुलिस कर्मियों के अनुसार, 24 जनवरी को दरोगा धर्मेंद्र कुमार को पुलिस लाइन से थाना प्रभारी ककवन बनाया गया था। आरोप है कि तैनाती के बाद से ही थाना प्रभारी चौकी व थाने में तैनात पुलिस कर्मियों और दरोगा पर रुपये देने का दबाव बनाने लगे थे। विरोध पर अभद्रता करते करते थे। इसकी शिकायत उन्होंने कई बार उच्चाधिकारियों से की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने पुलिस कमिश्नर से लिखित शिकायत की।मामले की निष्पक्ष जांच एडीसीपी पश्चिम को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद पुलिस कमिश्नर को सौंपी जाएगी। आरोप सही पाए गए तो थाना प्रभारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। -आरती सिंह, डीसीपी पश्चिममेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे और निराधार है। -धर्मेंद्र गुप्ता, एसओ ककवनखाकी पर पहले भी लगे हैं आरोपजून 2022: डीसीपी पूर्वी के कार्यालय में तैनात महिला दरोगा को क्राइम ब्रांच ने 50 हजार की रिश्वत लेते किया था गिरफ्तार।जुलाई 2023: रतनलाल नगर चौकी इंचार्ज शुभम सिंह को महिला से अश्लील बातें करने के आरोप में निलंबित किया गया।सितंबर 2023: साढ़ थाने के दरोगा तेजवीर सिंह पर महिला से अश्लील बातें करने और कमरे में बुलाने के आरोप में निलंबित किया गया।अक्तूबर 2023: कलक्टरगंज थानेदार राम जनम गौतम को एंटी करप्शन टीम ने 50 हजार की रिश्वत लेते किया था गिरफ्तार।अक्तूबर 2023: गांजा तस्करी से नजदीकी के आरोप में काकादेव थाना प्रभारी विनय शर्मा को निलंंबित किया गया था।अक्तूबर 2024: रेलबाजार थानेदार विजय दर्शन शर्मा समेत सात 25 लाख रुपये के चोरी के जेवर हड़पने के आरोप में निलंबित।दिसंबर 2024: एसीपी मोहिसिन पर आईटीआई छात्रा ने दर्ज कराया था दुष्कर्म का आरोप,निलंबन हुआ था।फरवरी 2025: गोविंदनगर थाने के हेडमोहर्रिर पर लगा 41.30 लाख के गबन का आरोप।