अब कांग्रेस जिलाध्यक्ष तय करेंगे उम्मीदवार, मिला अधिकार

कांग्रेस के जिला और शहर अध्यक्षों ने शुक्रवार को राहुल गांधी से मुलाकात की । इस मुलाकात में उन्हें चुनाव जीतने और संगठन पर पकड़ बनाए रखने की टिप्स दिए गए। कांग्रेस के जिलाध्यक्षों और शहर अध्यक्षों को दिल्ली से सियासी टॉनिक पिलाकर मैदान में उतारा गया हैं। उन्हें भाजपा की हर साल से आगाह किया गया तो उनके अधिकार भी बताए गए। संगठनात्मक कौशल सिखाया गया तो सोशल मीडिया पर वार करने का सलीका भी सिखाया गया। भरोसा दिया गया कि उन्हें उम्मीदवार तय करने का अधिकार मिलेगा। राष्ट्रीय और प्रदेश मुख्यालय की तरह की जिला स्तर पर भी पंचायत और विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवार चयन कमेटी बनेगी।दिल्ली के इंदिरा भवन में आयोजित सभी जिलाध्यक्षों एवं शहर अध्यक्षों की बैठक में वर्ष 1970 की तर्ज पर संगठन को सक्रिय करने और सियासी रणनीति बनाने पर जोर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सभी जिला एवं शहर अध्यक्षों से परिचय जाना। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने आश्वासन दिया कि जिला और शहर अध्यक्ष स्तर से तय किए गए उम्मीदवारों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। जिला स्तर की कमेटी से आने वाले उम्मीदवार के नाम परिवर्तन करते वक्त उनकी सहमति ली जाएगी और तर्क भी दिया जाएगा। बाहरी के बजाय कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। राहुल गांधी ने दो टूक कहा कि पार्टी में भीड़तंत्र के बजाय जनता के मुद्दे को लेकर जुझारूपन दिखाने वाले कार्यकर्ताओं की जरूरत है।राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जिलाध्यक्षों एवं शहर अध्यक्षों को सचेत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की हर चाल से सावधान रहने की जरूरत है। भाजपा की ओर से संविधान खत्म करने के लिए चली जा रही हर चाल से सचेत रहना होगा और कार्यकर्ताओं को भी आगाह करना होगा। जिलाध्यक्ष और शहर अध्यक्ष सोशल मीडिया पर चल रही गतिविधियों पर ध्यान रखें। अनायास किसी तरह के विवाद में पड़ने से बचें। अपनी बात को तार्किक तरीक से रखने के सलीके भी बताए गए।छह माह के कामकाज के आधार पर तय होगा भविष्यराहुल गांधी ने कहा कि जिला व शहर अध्यक्षों का हौंसला बढाया। उन्हें भरोसा दिया कि संगठन को हर स्तर पर सशक्त किया जाएगा। जिलाध्यक्ष अपनी कमेटी बनाने के लिए स्वतंत्र हैं। उनके भी कामकाज का आकलन हर तीन माह में किया जाएगा। छह माह तक बेहतर कार्य नहीं करने वाले जिलाध्यक्षों को पद से हटा दिया जाएगा। इसी तरह कमेटी में शामिल पदाधिकारी जिला और ब्लाक स्तर पर होने वाली तीन बैठक में लगातार अनुपस्थित रहते हैं तो उन्हें गंभीर नहीं माना जाएगा और पद से हटाया जा सकेगा। भाजपा सहित दूसरे दल से निरंतर संपर्क में रहने वालों को भी चिन्हित किया जाएगा।हर ब्लॉक में कांग्रेस खोलेगी कार्यालयबैठक के दौरान तय किय गया कि कांग्रेस ब्लॉक स्तर पर कार्यालय खोलेगी। जिन जिलों में अभी तक कार्यालय नहीं है, वहां भी इंतजाम किया जाएगा। ब्लॉक कार्यालय में आने वाली हर शिकायत का निस्तारण कराया जाएगा। ब्लॉक कमेटी के सदस्य आपस में एक-एक दिन कार्यालय में बैठेंगे और सुनवाई भी करेंगे।

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