अब पीक्षा में गोला काला करने से काम नहीं चलेगा। विस्तार से जवाब लिखने होंगे। राजकीय कॉलेजों की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की स्क्रीनिंग परीक्षा में वस्तुनिष्ठ की जगह दीर्घ उत्तरीय सवाल होंगे। परीक्षा का पाठ्यक्रम संशोधित किया जा रहा है।राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए आयोजित स्क्रीनिंग परीक्षा में अब ओएमआर शीट पर गोला काला करने से काम नहीं चलेगा। स्क्रीनिंग परीक्षा का पाठ्यक्रम संशोधित किया जा रहा है। अभ्यर्थियों को अब वस्तुनिष्ठ की जगह दीर्घ उत्तरीय सवालों के जवाब देने होंगे। अभ्यर्थियों के चयन में स्क्रीनिंग परीक्षा के अंक भी जोड़े जाएंगे। उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 562 पदों पर भर्ती के लिए शासन के माध्यम से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को अधियाचन भेजा जा चुका है। अब शासन स्तर से संशोधित पाठ्यक्रम को हरी झंडी मिलने का इंतजार है। असिस्टेंट प्रोफेसर बनने जा रहे अभ्यर्थियों की अपने विषय की कितनी समझ है, इसे गहराई से परखने के लिए ही पाठ्यक्रम संशोधन का निर्णय लिया गया है।पहले स्कीनिंग परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के सवाल आते थे और प्रत्येक सवाल के चार विकल्प होते थे। अभ्यर्थियों को सही उत्तर के रूप में किसी एक विकल्प को चुनकर ओएमआर शीट के गोले को काला करना होता था। स्क्रीनिंग परीक्षा केवल अभ्यर्थियों की छंटनी के लिए होती थी। परीक्षा में मेरिट की होगी भूमिकामेरिट में इस परीक्षा कोई भूमिका नहीं होती थी। अभ्यर्थियों का चयन केवल इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार पर किया जाता था। अब स्क्रीनिंग परीक्षा के 75 फीसदी व इंटरव्यू के 25 फीसदी अंक जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इस वजह से किया गया बदलावसाथ ही स्क्रीनिंग परीक्षा में वस्तुनिष्ठ की जगह दीर्घ उत्तरीय सवाल पूछे जाएगा, जिनके जवाब अभ्यर्थियों को विस्तार से लिखने होंगे। यह बदलाव इस उद्देश्य से किया जा रहा है कि जो अभ्यर्थी असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर छात्र-छात्राओं को पढ़ाएंगे, उनके असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के पहले विषय के प्रति उनकी समझ को गहराई से परखा जा सके।शासन को भेजा गया था प्रस्तावयूपीपीएससी की ओर से इन दोनों बदलावों से संबंधित प्रस्ताव शासन को काफी पहले भेजा जा चुका है। शासन ने परीक्षण के लिए प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग को भेजा था और उच्च शिक्षा विभाग ने उच्च शिक्षा निदेशालय से टिप्पणी मांगी थी।शासन से अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजारसूत्रों का कहना है कि निदेशालय ने अपनी टिप्पणी के साथ पाठ्यक्रमों मंजूरी दे दी है। अब शासन से अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार है। शासन से स्वीकृति मिलने ही आयोग भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करेगा।