वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया गया है। यूपी में सुरक्षा को देखते हुए पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। डीजीपी ने कहा कि आगामी आदेश तक सभी छुट्टियां रद्द रहेंगी। इससे पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि जिनके लिए बिल लाया जा रहा, सरकार उन्हीं की बात नहीं सुन रही है। यह हमें मंजूर नहीं है। लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया। इसे लेकर यूपी में अलर्ट जारी किया गया है। पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। बरेली, अलीगढ़, रामपुर और मेरठ में सुरक्षा को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि आगामी आदेश तक छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं। बिल पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि यह हमें मंजूर नहीं है।यूपी में बिल को लेकर रार छिड़ी है। कोई इसके समर्थन तो कोई इसे अस्वीकार करने की बात कह रहा है। भाजपा नेता मोहसिन रजा ने वक्फ संसोधन बिल लाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पिछड़े और अतिपिछड़े मुसलमानों के लिए पीएम मोदी की ओर से सबसे बड़ी ‘ईदी’ होगी।वक्फ संशोधन विधेयक पर सपा अध्यक्ष एवं सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी पार्टी इसका विरोध करेगी। जिसके लिए यह विधेयक लाया जा रहा है, उनकी ही बातों को सरकार महत्व नहीं दे रही है। इससे बड़ा अन्याय और क्या हो सकता है? सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि यह बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है। हम इसका विरोध करेंगे।वहीं संभल से समाजवादी पार्टी सांसद जिया उर रहमान बर्क ने वक्फ बिल पर कहा कि हम पहले से ही इस विधेयक के खिलाफ हैं। जब यह विधेयक पहली बार सदन में लाया गया था, तब हमारी पार्टी और हमारे नेता अखिलेश यादव ने इसका पुरजोर विरोध किया था। इस विधेयक का विरोध करने का कारण यह नहीं है कि इसे भाजपा-एनडीए सरकार ला रही है, हम इस विधेयक का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इस विधेयक में कई ऐसी बातें हैं जो हमारे लोगों के अधिकारों को छीन रही हैं। बर्क ने आगे कहा कि जब सरकार ने इसे जेपीसी के पास भेजा था, तो हमें थोड़ी उम्मीद थी कि शायद इसमें जो कमियां हैं, उन्हें दूर कर लिया जाएगा, लेकिन यह महज औपचारिकता थी। रिपोर्ट भी उनकी मर्जी के मुताबिक ही पेश की गई। जब यह विधेयक सदन में आएगा, तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। सरकार के पास भले ही बहुमत का आंकड़ा हो, लेकिन उसके सहयोगी जानते हैं कि अगर उन्होंने इस विधेयक का समर्थन किया, तो आने वाले समय में उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार तानाशाही करना बंद करे और इस विधेयक को वापस ले।