यूपी मे जिला पंचायत राज अधिकारी केके सिंह चौहान को निलंबित कर दिया गया है। उनका कार्य अब जिला कृषि अधिकारी संभालेंगे। ये कार्रवाई हाईकोर्ट की सख्ती के बाद की गई है। यूपी मे एटा के जिला पंचायत राज अधिकारी केके सिंह चौहान को निलंबित किया गया है। आदेश का पालन न करने के मामले में हाईकोर्ट की सख्ती के बाद यह कार्रवाई की है। जिला कृषि अधिकारी को उनके पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।ग्राम पंचायत जिरसमी से जुड़ा है मामला पूरा मामला शीतलपुर विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत जिरसमी से जुड़ा हुआ है। ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव के विरुद्ध ग्राम पंचायत सदस्य ग्यादत्त यादव ने कार्ययोजना में ग्राम पंचायत सदस्यों के जाली हस्ताक्षर करने, फर्जी रूप से समितियां बनाने और कार्यों के नाम पर धनराशि निकालने के आरोप लगाए थे। जांच में मामला सही पाए जाने पर रिकवरी करा दी गई। लेकिन आपराधिक कार्रवाई की मांग के संबंध में ग्यादत्त ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।डीपीआरओ ने दाखिल नहीं की सूचनाइस पर न्यायालय ने अपने आदेश में सहमति भी दी और ग्राम प्रधान के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकारों पर रोक लगा दी। लेकिन प्रधान पक्ष की ओर से डबल बेंच में अपील की गई। इसमें प्रधान को राहत देते हुए याचिका निपटारे के लिए सिंगल बेंच में भेज दी गई। वहां शपथपत्र व विभागीय निर्देशों की सूचना डीपीआरओ से मांगी गई। जो उन्होंने दाखिल नहीं की। इसे लेकर अदालत ने डीएम पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। डीपीआरओ के वेतन से रुपये वसूलने के निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने भेजी थी रिपोर्ट इस संबंध में डीएम ने शासन को डीपीआरओ की लापरवाही, अनुशासनहीनता की रिपोर्ट भेजी। इस रिपोर्ट का संज्ञान लेकर शासन ने डीपीआरओ को निलंबित कर पंचायती राज निदेशालय से संबद्ध कर लिया है। मामले में डीएम प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि पंचायती राज निदेशालय के आदेश के अनुसार डीपीआरओ को निलंबित किया गया है। जिला कृषि अधिकारी डाॅ. मनवीर सिंह को जिला पंचायत राज अधिकारी का वित्तीय एवं प्रशासनिक प्रभार अगले आदेशों तक सौंपा गया है।